International Research journal of Management Science and Technology
ISSN 2250 - 1959 (online) ISSN 2348 - 9367 (Print) New DOI : 10.32804/IRJMST
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शाकटायन व्याकरण के सरलीकरण के पोषक : अभयचन्द्रसूरि
2 Author(s): VANDANA RANI , SAMPAT KUMAR
Vol - 6, Issue- 2 , Page(s) : 72 - 74 (2015 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMST
अभिनव शाकटायन ने 9वीं शताब्दी में जैन साहित्य के अध्ययनार्थ सरलीकरण हेतु अपने से पूर्ववर्ती पाणिनि व जैनाचार्यों का अनुसरण करते हुए उनसे भिन्न एक नवीन व्याकरण-ग्रन्थ की रचना की जिसे ‘शाकटायन-व्याकरण’ के नाम से जाना जाता है। शाकटायन ने प्रक्रिया-सारल्य एवं सहजावबोधन की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए अपनी कृति का प्रणयन किया।