International Research journal of Management Science and Technology

  ISSN 2250 - 1959 (online) ISSN 2348 - 9367 (Print) New DOI : 10.32804/IRJMST

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राही मासूम रजा और उनकी संवेदना का आधार

    1 Author(s):  PRAMOD KUMAR YADAV

Vol -  5, Issue- 7 ,         Page(s) : 39 - 41  (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMST

Abstract

राही मासूम रजा आधुनिक युग के सामाजिक यथार्थ वादी उपन्यासकार हैैं। ये एक ऐसे उपन्यासकार हैं जिनकी सम्वेदना किसी सम्प्रदाय से न होकर भारतीयता या हम कह सकते हैं भारत भूमि एवं भारत के लोगों से हैै। उनके उपन्यास के केन्द्र में हिन्दू मुस्लिम की एकता, उनके बीच फैली गलत फहमी, राजनीतिज्ञोें की चालबाजी आदि प्रमुख है। अपने मन की अभि व्यक्ति के लिए उन्होने ‘‘काव्य, निबंध एवं प्रमुख रूप से उपन्यास का सहारा लिया हैं।

1. सिंह, कुवर पाल (2004)ः राही और उनका रचना संसार, प्रकाषकः षिल्पायन दिल्ली
2. त्रिपाठी, षैलेन्द्रः आधे गांव की पूरी संवेदना, रामकश्ण प्रकाषन मध्य प्रदेष,
3. देवी महास्वेता (2006)ः एक और विभाजन, वाणी प्रकाषन, नई दिल्ली।

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