International Research journal of Management Science and Technology
ISSN 2250 - 1959 (online) ISSN 2348 - 9367 (Print) New DOI : 10.32804/IRJMST
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
मेवाड़ की कला में तात्कालिक सामाजिक जीवन-दर्शन को दर्शाते मेवाड़ "आर्ष रामायण" लघु चित्र। सन्दर्भ- प्रिंस ऑफ वेल्स संग्रहालय संग्रहित- बालकाण्ड चित्र।
1 Author(s): MONIKA RAJPUT
Vol - 12, Issue- 8 , Page(s) : 77 - 82 (2021 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMST
चित्रण हमारे जीवन में आदिकाल से लयबद्ध रूप से निरंतर जुड़ा रहा है। संपूर्ण मानवीय जीवन चित्रकला में अनुरंजित है। कलाकार अपने जीवन के अनुभव, कल्पना, प्रतिक्रिया और आंतरिक उद्वेलन को चित्रण के माध्यम से दर्शक के सामने प्रस्तुत करता है। भारतीय चित्रकला का उद्भव एवं समकालीन स्वरूप भी प्रायः यही कथानक का बखान करना है। संस्कृति की संवाहिका, सौन्दर्यानुभूति, धार्मिक और आध्यात्मिक, सार्वभौमिक एवं प्रतीकात्मकता का गुण लिए हुए भारतीय चित्रकला वैश्विक कला उपादान में महत्वपूर्ण है।