सामाजिक जीवन को साहित्य में उकेरती नॉॅबेल पुरस्कृत नारी
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Author(s):
KANTA RANIA
Vol - 9, Issue- 1 ,
Page(s) : 453 - 458
(2018 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMST
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Abstract
आज का लेखक वर्ग, बनाम शिक्षक वर्ग में नारी सशक्तिकरण पर चर्चाए-परिचर्चाए की जा रही हैं प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों द्वारा समय≤ पर सेमिनारों (संगोष्ठियो) का आयोजन किया जा रहा है नारी व्यक्तित्व को निखारने की पुरजोर वकालत की जा रही है नारी को प्रेरित करने के लिए तरह-तरह की योजनाएं संचालित करने की सलाह दी जा रही हे। उत्साहवर्धन हेतू सम्मानसूचक प्रमाण पत्र, पदवी आदि देने की मुहिम चलाई जा रही हैं, ताकि नारी अपने जीवन की बागडोर किसी अन्य के हाथों में न दे। अपनी इच्छानुसार जिन्दगी को मुकाम तक ले जा सके। इक ऐसा दौर लाकर खड़ा कर सके कि वहां उसे कोई इशारा करने की भी हिम्मत न कर सके प्रताड़ित करना तो दूर। कुछ हद तक यह प्रयास सफल भी हुए हैं यह इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि आज अलग-अलग राज्यों ही नहीं अलग-2 देशों की महिलाएं एक मंच पर एकत्रित हो अपनी प्रगति के रास्ते बना रही हैं। प्रगति के लिए सर्वप्रथम नारी का शिक्षित होना आवष्यक है जिसके बलबूते पर वह हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकती है और कर रही है।
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