रासो साहित्य की प्रामाणिकताः एक प्रश्न
1
Author(s):
KANTA RANIA
Vol - 9, Issue- 1 ,
Page(s) : 437 - 442
(2018 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMST
Get Index Page
Abstract
अत्यन्त आश्चर्य का विषय है कि ’’हिन्दी साहित्य का सर्वप्रथम इतिहास एक फ्रांसिसी विद्वान ’’गार्सा-दा-तासी’’ ने सन् 1839 में इस्तवार ’’द ला लितरेत्यूर ऐन्दुई ए ऐन्दुस्तानी’’ नाम से लिखा।
इसके बाद जार्ज ग्रियर्सन मिश्र बन्धु, शिव सिंह सेगर व आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य के इतिहास की आत्म-मंथन कर अभिव्यक्ति की।
|